Old Pension Scheme – अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं या किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत ही काम की है। सरकार ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है जो लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब कुछ खास परिस्थितियों में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) का विकल्प चुनने का मौका मिलेगा। चलिए आपको आसान भाषा में पूरी बात समझाते हैं।
सेवा के दौरान अनहोनी पर मिलेगी ओल्ड पेंशन की सुविधा
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है, या फिर वह किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना का शिकार होकर अपंग हो जाता है, तो ऐसे मामलों में उनके परिजनों को पुरानी पेंशन योजना के सभी लाभ मिलेंगे। यह बात सिर्फ एक घोषणा नहीं है, बल्कि सरकार ने इसे नियमों में शामिल करके अधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अब परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य मिलेगा, खासकर जब कमाने वाला सदस्य अचानक काम करने में असमर्थ हो जाए।
पेंशन विभाग ने जारी किया नया सर्कुलर
हाल ही में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक अहम सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में यह कहा गया है कि केंद्रीय सिविल सेवा के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी अब ओल्ड पेंशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन यह विकल्प कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, वह अपंग हो जाता है या फिर किसी वजह से नौकरी से हटा दिया जाता है, तो वह या उसका परिवार OPS चुन सकता है।
IAS, IPS और IFS अधिकारियों को भी फायदा
इस फैसले से सिर्फ आम कर्मचारी ही नहीं, बल्कि IAS, IPS और IFS जैसे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी भी लाभान्वित होंगे। पिछले महीने सरकार ने एक विशेष आदेश जारी कर बताया कि ये अधिकारी भी अब NPS छोड़कर OPS का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन वही शर्तें लागू होंगी – यानी मृत्यु, अपंगता या अन्य गंभीर स्थिति में ही यह विकल्प मान्य होगा। यह निर्णय इसलिए भी खास है क्योंकि अब टॉप लेवल के अधिकारी भी इस विकल्प का फायदा उठा सकेंगे।
सेवा जॉइन करते समय मिलेगा विकल्प
सरकार ने यह भी कहा है कि अब जब भी कोई नया कर्मचारी NPS के तहत नौकरी में शामिल होगा, तो उसे शुरुआत में ही यह विकल्प देना होगा कि वह किस योजना को चुनना चाहता है – नेशनल पेंशन सिस्टम या ऑल इंडिया सर्विसेज के तहत मिलने वाली पुरानी पेंशन योजना। हालांकि, यह विकल्प सिर्फ उन्हीं मामलों में इस्तेमाल किया जा सकेगा जब कर्मचारी की मृत्यु हो, गंभीर बीमारी हो या सेवा से अनायास हटा दिया जाए।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शुरुआत
1 अप्रैल 2025 से सरकार ने NPS के तहत एक नई वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की है, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम कहा गया है। इसका उद्देश्य यही है कि जो कर्मचारी अभी NPS में हैं, उन्हें एक बार का मौका दिया जाए OPS में जाने का। सरकार मानती है कि कुछ हालातों में OPS ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित विकल्प हो सकता है, खासकर परिवार के भविष्य को लेकर।
पहले भी थे नियम, अब हुए और स्पष्ट
असल में यह कोई नई शुरुआत नहीं है। सरकार ने साल 2021 में ही कुछ नियम बनाए थे जिसमें यह बात कही गई थी कि अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या वह अपंग हो जाता है, तो वह या उसका परिवार NPS और OPS में से किसी एक योजना को चुन सकता है। लेकिन तब इन नियमों में कुछ अस्पष्टता थी। अब सरकार ने इन्हें और स्पष्ट कर दिया है ताकि कर्मचारी भ्रमित न हों और उन्हें समय पर सही फैसला लेने में दिक्कत न हो।
कर्मचारियों और परिवारों को मिलेगा भरोसा
इस पूरे फैसले का मकसद यही है कि कर्मचारियों को एक मानसिक और आर्थिक सुरक्षा दी जा सके। आज जब हर कोई भविष्य की चिंता करता है, ऐसे में यह विकल्प बहुतों के लिए उम्मीद की किरण है। खासकर वो परिवार जिनके सदस्य सेवा में रहते हुए किसी दुर्घटना या बीमारी का शिकार हो जाते हैं, उनके लिए ये फैसला बहुत राहत देने वाला साबित होगा।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। पेंशन योजनाओं से जुड़ी कोई भी अंतिम जानकारी या निर्णय लेने से पहले संबंधित सरकारी विभाग या उनकी आधिकारिक वेबसाइट से जरूर पुष्टि करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, इसलिए सटीक जानकारी के लिए अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करें।